आओ थोड़ा रंग भरो .....
कोरे-कोरे जीवन के इस कागज़ पर
स्याहि से एहसासों के रंग भर दो ।
उन्हें दिल मै दबाए रखकर,
उन्हें सिर्फ काले रंग सा न होने दो !
एहसास जब एक है नहीं,
तो क्यों न उन्हें भी ,
अलग रंगों से भरो !
आओ इस जीवन के कागज़ पर,
थोड़ा रंग भरो ।
थोड़ा सा, रंग भरो ।।
आसमान क्यों अपना सफ़ेद रखना ?
इसे चलो थोड़ा नीला,पिला ,
इंद्रधनुष सा कर लो ।
सादगी में रहना है, तो रहो, मगर;
ज़िंदगी को तो, रंगीन होने दो !
आओ, इसमें थोड़ा रंग भरो ।
आओ, इसमें थोड़ा रंग भर लो ।
~~ FreelancerPoet
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Your words are enough to fill our minds and life with colours. Happy Holi Abhishek to you and your family. Too good!